लोकसभा चुनाव के बीच अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स पर भारत में बवाल क्यों? 4 प्वाइंट में जानें सबकुछ

एनबीटी न्यूजडेस्क: देश में आम चुनावों के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान से सियासी पारा अचानक चढ़ गया है। पीएम मोदी समेत BJP नेताओं ने जहां कांग्रेस पर हमला बोला है, वहीं कांग्रेस ने सफाई दी है कि उसका सैम के बयान स

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एनबीटी न्यूजडेस्क: देश में आम चुनावों के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान से सियासी पारा अचानक चढ़ गया है। पीएम मोदी समेत BJP नेताओं ने जहां कांग्रेस पर हमला बोला है, वहीं कांग्रेस ने सफाई दी है कि उसका सैम के बयान से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल, सैम ने कहा है कि अमेरिका में लगने वाले इनहेरिटेंस टैक्स (Inheritance Tax) यानी विरासत कर भारत में भी लगना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो क्या होगा? आइए जानते हैं।
  1. क्या है इनहेरिटेंस टैक्स?
    मान लीजिए कि किसी के पास एक करोड़ की कोई प्रॉपर्टी है और उस शख्स की मौत हो जाती है। भारत में ऐसी स्थिति में पूरी प्रॉपर्टी उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है, क्योंकि यहां इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता। लेकिन, जहां यह कानून लागू है, वहां प्रॉपर्टी का एक तय हिस्सा सरकार को भी जाएगा। अमेरिका, जहां का जिक्र सैम ने किया है, वहां के भी छह राज्यों- आयोवा, केंटुकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया में ही यह कानून लागू है। यहां के अलग-अलग राज्यों में अलग टैक्स तय है। इनहेरिटेंस टैक्स विरासत में मिली प्रॉपर्टी के 1% से लेकर 20% तक वसूला जाता है।
  2. भारत में क्या है कानून?
    इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार, वसीयत या विरासत से हासिल प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में नहीं आती है। हां, एक बार अगर आप विरासत में मिली प्रॉपर्टी के मालिक बन जाते हैं तो उसके नफे-नुकसान आपको झेलने होंगे। यानी फायदे की स्थिति में आपको कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा, जो प्रॉपर्टी पर कब्जे की समयसीमा से तय होती है। यहां तक कि NRI को भी भारत में विरासत में मिली प्रॉपर्टी पर इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, भारत में कभी एस्टेट ड्यूटी एक्ट 1953 लागू था। इसके तहत विरासत में मिली प्रॉपर्टी के कुल मूल्य का 85% तक एस्टेट ड्यूटी देनी पड़ जाती थी। इस एक्ट को 1985 में हटा दिया गया था। यानी, अब देश में ऐसा कोई कानून नहीं है।
  3. क्या यह टैक्स लगाया जाना चाहिए?
    अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इनहेरिटेंस टैक्स लागू है। अमेरिका में इस टैक्स को लागू करने के पीछे कहा जाता है कि यह प्रॉपर्टी को चंद लोगों के हाथों में जाने से बचाने की कोशिश है। इसका मकसद नागरिकों को बराबर अवसर प्रदान करना भी है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। ज्यादातर देशों में इनहेरिटेंस टैक्स की सीमा 40 से 50% तक है।
  4. इस टैक्स को न लगाने की क्या है वजह?
    कई देशों में लागू किए जाने के बाद इनहेरिटेंस टैक्स को हटा दिया गया। इन देशों ने ऐसा करते समय जो तर्क दिए हैं, उसके अनुसार यह जनता पर बोझ है। भारत, रूस, मकाऊ, पुर्तगाल, स्लोवाक रिपब्लिक, स्वीडन, हांगकांग, हंगरी, सिंगापुर, ऑस्ट्रिया और नॉर्वे जैसे देशों में विरासत कर लागू नहीं है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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